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योग

गीता में कहा गया है - " योग: कर्मसु कौशलम। "

यानि कर्मों में कौशल या दक्षता ही योग है।


" योग वह प्रकाश है जो एक बार जला दिया जाए तो कभी कम नहीं होता है। जितना अच्छा आप अभ्यास करेगें उतने ही उज्जवल होंगे ।" - वी. के. एस. अयंगर


योग संस्कृत शब्द 'युज' से बना है, अर्थ है जोड़ना। यह शरीर, मन और आत्मा के मिलन, एक हो जाने का पथ है। योग एक प्राचीन ज्ञान है जो हमें स्वस्थ, खुश शांतिपूर्ण जीवन जीने का मार्गदर्शन प्रदान करता है। योग ऐसा ज्ञानहै जो सभी धर्म, संस्कृतियों से परे है और इसे कोई भी अपना सकता है।




योग के फायदे:-

· शरीर में ऊर्जा का सही प्रवाह निर्देशित करता है तथा मांसपेशियों में लचक और जोड़ों का बराबर संचालन करता है।

· पाचन क्रिया, हार्मोन ग्रंथियों और प्रवाह तंतुओ को निर्देशित करता है।

· अंगो को मज़बूत करना, शरीर को तंदुरुस्त रखना और यौवन कायम रखता है।

· अस्थमा, डायाबिटीज, हृदय रोगों और कई पुरानी बीमारियों से निज़ात दिलाता है।

· वज़न कम करने में सहायता करना तथा त्वचा पर चमक आती है।

· अपना ध्यान केंद्रित करना, मन की एकाग्रता और धारणा शक्ति बढ़ती है।

· योग से तनाव दूर होता है, और अच्छी नींद आती है।

· योग शारीरिक और मानसिक रूप से मानव जाति के लिए वरदान है।



" ध्यान का बीज बोए और मन की शांति का फल पाएँ।"

" योग जीवन का वह दर्शन है, जो मनुष्य को उसकी आत्मा से जोड़ता है।"

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